न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप-NSG में भारत की एंट्री रोकने की चीन और पाकिस्तान की कोशिशों के बीच भारत को अमेरिका का साथ मिला है.
अमेरिका ने कहा है कि भारत मिसाइल नियंत्रण प्रणाली के लिए जरूरी नियमों को पूरा करता है और इस ग्रुप में शामिल होने के लिए पूरी तरह योग्य है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन कीर्बि ने कहा-मैं 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान कही गई बात पर वापस आना चाहता हूं कि भारत मिसाइल नियंत्रण प्रणाली के लिए जरूरी नियमों को पूरा करता है और एनएसजी का सदस्य बनने के लिए पूरी तरह योग्य है.
प्रवक्ता ने कहा कि NSG में किसे सदस्य के रूप में शामिल किया जाना है ये समूह का आंतरिक मसला है लेकिन अमेरिका ने इस मामले पर अपना रूख स्पष्ट कर दिया है. गौरतलब है कि पड़ोसी मुल्क चीन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में भारत का प्रवेश रोकने की कोशिशों के तहत कहा था कि 48 देशों के इस संगठन में कई सदस्य उसकी इस राय से सहमत हैं कि परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर NSG के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण मापदंड है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि न केवल चीन बल्कि ढेर सारे दूसरे NSG सदस्यों का मत है कि NPT अंतरराष्ट्रीय परमाणु निरस्त्रीकरण व्यवस्था की सुरक्षा के लिए आधारशिला है.
जब उनसे इस खबर के बारे में पूछा गया कि चीन इस ब्लॉक में भारत के प्रवेश से चीजों को जोड़ते हुए NSG में पाकिस्तान के प्रवेश पर जोर दे रहा है तो लू ने कहा कि NSG एनपीटी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिस पर लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच आम सहमति है. उन्होंने दावा किया कि वैसे भारत NSG का हिस्सा नहीं है लेकिन भारतीय पक्ष इस आम सहमति को मान्यता देता है.
उन्होंने कहा कि NSG समेत सभी बहुपक्षीय परमाणु अप्रसार निर्यात नियंत्रण व्यवस्था ने NPT को NSG के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण मापदंड माना है. पाकिस्तान का उल्लेख किए बगैर लू ने कहा कि भारत के अलावा, ढेर सारे अन्य देशों ने इससे जुड़ने की अपनी इच्छा प्रकट की है.
तब यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए प्रश्न खड़ा होता है, क्या गैर NPT सदस्य भी NSG का हिस्सा बन सकते हैं पिछले महीने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा था कि चीन ने भारत की NSG सदस्यता की कोशिश रोकने में पाकिस्तान की मदद की.
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