
नेपाल की 13 वर्षीय तैराक गौरिका सिंह रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं. और बैकस्ट्रोक तैराक गौरिका सिंह नेपाल की ओलंपिक जा रही सात सदस्यीय टीम का हिस्सा हैं.
इसी साल भारत में हुए दक्षिण एशिया खेलों (सैफ़ गेम्स) में गौरिका सिंह ने चार मेडल जीते थे.
किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में नेपाल की तरफ़ से जीतने वाली वो पहली खिलाड़ी बन गई थीं. नेपाली भाषा के अख़बार ई-कांतिपूर ने उन पर एक फ़ोटो फ़ीचर करते हुए लिखा है कि वो नेपाल में आए भूकंप में बच गई थीं.
किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में नेपाल की तरफ़ से जीतने वाली वो पहली खिलाड़ी बन गई थीं. नेपाली भाषा के अख़बार ई-कांतिपूर ने उन पर एक फ़ोटो फ़ीचर करते हुए लिखा है कि वो नेपाल में आए भूकंप में बच गई थीं.
नेपाल की मीडिया में हर चरफ़ उनकी तारीफ़ हो रही है. 5 अगस्त से 21 अगस्त तक होने वाले ओलंपिक में दुुनिया भर के क़रीब 10 हज़ार खिलाड़ी हिस्सा लेंगे. नेपाल में जन्मी लेकिन लंदन में रहने वाली गौरिका सिंह को नेपाल के लगभग सभी अख़बार पहले पन्ने पर जगह दे रहे हैं. काठमांडू पोस्ट ने उन्हें ''नेपाल की सबसे बेहतरीन तैराक'' क़रार दिया है.
उस समय वो एक इमारत की पांचवी मंज़िल पर थीं लेकिन भाग्यवश उनकी इमारत सुरक्षित थी. उस भूकंप में आठ हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे. अप्रैल 2015 में नेपाल में आए भूकंप के समय वो काठमांडू में चल रहे नेशनल गेम्स में हिस्सा ले रही थीं.
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