ये क्या बोल गए शरद यादव, कांवडि़यों के पास कोई काम धंधा नहीं!


जनता दल युनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कांवडि़यों पर एक विवादित बयान दिया है। उनका कहना है कि कांवडि़यों के पास कोई काम धंधा नहीं है। यही वजह है कि इतनी बड़ी तादाद में यह लोग सड़कों पर दिखाई देते हैं।
उन्होंने यह बयान घाटमपुर में हुई जदयू की जनसभा से पहले सर्किट हाउस में एक पत्रकार वार्ता के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि कावड़ियों के पास भी यदि रोज़गार होता तो वे यूँ इतनी बड़ी तादाद में सड़को पर न दिखाई देते ।
उन्होंने बेरोजगारी पर तंज कसने के लिए कांवरियों को आधार बनाते हुए कहा कि कांवरियों की संख्या देखकर अंदाजा लगाया सकता है कि देश में कितने बेरोजगार युवक सड़कों पर हैं। इनके पास काम होता तो वह नहीं दिखते।
शरद यादव ने यह बयान घाटमपुर में जेडीयू की जनसभा से पहले सर्किट हाउस में दिया। शरद ने कहा कि कांवड़ियों की भीड़ देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में कितनी बेरोजगारी है। इनके पास काम होता तो ये सड़कों पर नहीं दिखते।
शरद यादव का कहना था कि वेरोजगारी दूर करने के दावे हो रहे हैं लेकिन असलियत सड़को पर देखी जा सकती है । उन्होंने कहा कि कावड़ियों के पास भी यदि रोज़गार होता तो वे यूँ इतनी बड़ी तादाद में सड़को पर न दिखाई देते ।


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जनता दल युनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कांवडि़यों पर एक विवादित बयान दिया है। उनका कहना है कि कांवडि़यों के पास कोई काम धंधा नहीं है। यही वजह है कि इतनी बड़ी तादाद में यह लोग सड़कों पर दिखाई देते हैं।
उन्होंने यह बयान घाटमपुर में हुई जदयू की जनसभा से पहले सर्किट हाउस में एक पत्रकार वार्ता के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि कावड़ियों के पास भी यदि रोज़गार होता तो वे यूँ इतनी बड़ी तादाद में सड़को पर न दिखाई देते ।
उन्होंने बेरोजगारी पर तंज कसने के लिए कांवरियों को आधार बनाते हुए कहा कि कांवरियों की संख्या देखकर अंदाजा लगाया सकता है कि देश में कितने बेरोजगार युवक सड़कों पर हैं। इनके पास काम होता तो वह नहीं दिखते।
शरद यादव ने यह बयान घाटमपुर में जेडीयू की जनसभा से पहले सर्किट हाउस में दिया। शरद ने कहा कि कांवड़ियों की भीड़ देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में कितनी बेरोजगारी है। इनके पास काम होता तो ये सड़कों पर नहीं दिखते।
शरद यादव का कहना था कि वेरोजगारी दूर करने के दावे हो रहे हैं लेकिन असलियत सड़को पर देखी जा सकती है । उन्होंने कहा कि कावड़ियों के पास भी यदि रोज़गार होता तो वे यूँ इतनी बड़ी तादाद में सड़को पर न दिखाई देते ।



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