हाइवे के किनारे लुट गई मां बेटी की अस्मत जान के पुरी कहानी पसीज जायेगा आपका दिल पढिये पुरी खबर



देश के अंदर रेप की खबर अब आम खबर बन गई है और लोग उस खबर को पढ या देख कर उसे भुल जाते हैं,। लेकिन जरा ठहर के देखिये क्या बीतती है उस पर जिसकी इज्जत को कोई दरिंदा आकर तार तार कर देता हैं जिस इज्जत को अपने प्राणों से ज्यादा से संभालकर रखती हैं ।उसी को कोई दरिंदा अपने हवस को मिटान के लिए लुहलुहान कर देता हैं और समाज अपने संवेदना के साथ उसके जख्म को धोने की एक झुठी कोशिश करता है,और सरकार परिजनों को सहयोग के नाम पर एक कागज का टुकड़ा देकर सरकारी दफतरों के चक्कर लगाने के लिए छोड़ देती हैं और फिर कोई उससे नही पुछता की वो कैसी है, बस घुट घुट के मरो समाज के ताने सुनो और अदालत के चक्करों को गिनों । एक बार एक रेप पीड़िता ने गुस्से में मीडिया वालों से कहा था कि अदालत में आने से तारीख और जिंदगी दोनों मिलती है । अदालत तारीख देती है तो लगता है, कि अगले तारीख में इंसाफ मिलेगा तो एक आशा बंधी रहती है नही तो कब की फांसी पर लटक अपनी जान दे चुकी होती । उत्तरप्रदेश के बुलंद शहर की रेप की घटना नई तो नही है, रोज तो माताओं बहनों और बेटियों की इज्जत लुट रही हैं फर्क तो सिर्फ इतना है कि इस घटना में मां बेटी की अस्मत एक साथ लुटी और दोनों एक दुसरे की अस्मत लुटने की गवाह हैं और दोनों ने एक जैसी पीड़ा एक साथ सही है.। 

लेकिन इस घटना ने एक एक बार फिर यूपी सरकार के सुरक्षा व्यवस्था की कलई को खोल के रख दिया है कि आखिर इतने व्यस्त हाईवे पर इस परिवार के साथ के लुटपाट करने का अवसर मिला कैसे ? हालांकि जो भी इस घटना के बारे में सुन रहा है तो हर कोई अपनी संवेदना प्रकट कर रहा है लेकिन उसके आगे कोई कुछ कर नही पा रहा है । और संवेदना तो देश की राजधानी में रेप पीडि़ता दामिनी गुडिया आदि के नाम पर भी हुआ था । इतना ही नही महाभारत काल में द्रोपदी के साथ हर किसी की संवेदना ही थी लेकिन किसी एक ने उसकी अस्मत को बचाने की कोशिश नही की थी । अब क्योंकि उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं तो ये दोनों पीड़िता नेताओं की बहन बेटी बन जायेंगी और देश के संसद में आज मॉनसुन सत्र में नेताजी लोग इस मामले को लेकर हंगामा करेगें मतलब देश की राजधानी में आज भले ही सबुह से इंद्र देवता पानी बरसा के मौसम को ठंडा करने की कोशिश में जुटे हों लेकिन सियासी पारा बेहद गरम है औऱ इसकी आंच से आज संसद तपने वाला है।

हालांकि युपी सरकार ने भी इस घटना पर सख्ती दिखाते हुए पांच पुलिस आधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है, और 5 आरोपियों को गिरफतार कर लिया है और आरोपियो की पहचान कर ली गई है । मेरठ रेंज के डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने बताया कि आरोपियों रहीसुद्दीन, शहवाज और जबर सिंह सहित पांच को अरेस्ट कर लिया गया है। पीड़ित परिवार ने इनकी पहचान भी कर ली है। लेकिन पीड़िता के पिता ने कहा है कि अगर तीन महीने में इसाफ नही मिला तो वो अपनी जान दे देंगें । अब देखना होगा कि सरकार अपने वही पुराने ढर्रे के हिसाब से ही इंसाफ दिलाती हैं या ये वोट बैंक का मुद्दा बन जायेंगी या सच मं इनको इंसाफ मिलेगा ये तो वक्त ही बतायेगा । लेकिन एक बार इस सच पर भी नजर डाल लिजिए
बुलंदशहर गैंगरेप मामले में बावरिया गिरोह के 3 आरोपी गिरफ्तार
डीजीपी ने पत्रकारों को बताया था कि हिरासत में 15 बदमाश लिए गए हैं. जिन बदमाशों के नाम पुलिस महानिदेशक ने बताए थे, वे बुलंदशहर के सुतारी गांव का रईस, हरियाणा के फरीदाबाद का बबलू और पंजाब के भटिंडा का नरेश ठाकुर था. पुलिस ने इसी आधार पर मामले के खुलासे का दावा किया था.
हालांकि, जिले की पुलिस ने डीजीपी को जो कुछ बताया सब फर्जी था. दो दिनों से बुलंदशहर के एसएसपी वैभव कृष्ण बदमाशों के घुमंतू या बाबरिया गैंग के होने का दावा कर रहे थे. एसएसपी ने बताया था कि वारदात को अंजाम देने वाले अपराधी धुमंतू जनजाति के हैं.




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देश के अंदर रेप की खबर अब आम खबर बन गई है और लोग उस खबर को पढ या देख कर उसे भुल जाते हैं,। लेकिन जरा ठहर के देखिये क्या बीतती है उस पर जिसकी इज्जत को कोई दरिंदा आकर तार तार कर देता हैं जिस इज्जत को अपने प्राणों से ज्यादा से संभालकर रखती हैं ।उसी को कोई दरिंदा अपने हवस को मिटान के लिए लुहलुहान कर देता हैं और समाज अपने संवेदना के साथ उसके जख्म को धोने की एक झुठी कोशिश करता है,और सरकार परिजनों को सहयोग के नाम पर एक कागज का टुकड़ा देकर सरकारी दफतरों के चक्कर लगाने के लिए छोड़ देती हैं और फिर कोई उससे नही पुछता की वो कैसी है, बस घुट घुट के मरो समाज के ताने सुनो और अदालत के चक्करों को गिनों । एक बार एक रेप पीड़िता ने गुस्से में मीडिया वालों से कहा था कि अदालत में आने से तारीख और जिंदगी दोनों मिलती है । अदालत तारीख देती है तो लगता है, कि अगले तारीख में इंसाफ मिलेगा तो एक आशा बंधी रहती है नही तो कब की फांसी पर लटक अपनी जान दे चुकी होती । उत्तरप्रदेश के बुलंद शहर की रेप की घटना नई तो नही है, रोज तो माताओं बहनों और बेटियों की इज्जत लुट रही हैं फर्क तो सिर्फ इतना है कि इस घटना में मां बेटी की अस्मत एक साथ लुटी और दोनों एक दुसरे की अस्मत लुटने की गवाह हैं और दोनों ने एक जैसी पीड़ा एक साथ सही है.। 

लेकिन इस घटना ने एक एक बार फिर यूपी सरकार के सुरक्षा व्यवस्था की कलई को खोल के रख दिया है कि आखिर इतने व्यस्त हाईवे पर इस परिवार के साथ के लुटपाट करने का अवसर मिला कैसे ? हालांकि जो भी इस घटना के बारे में सुन रहा है तो हर कोई अपनी संवेदना प्रकट कर रहा है लेकिन उसके आगे कोई कुछ कर नही पा रहा है । और संवेदना तो देश की राजधानी में रेप पीडि़ता दामिनी गुडिया आदि के नाम पर भी हुआ था । इतना ही नही महाभारत काल में द्रोपदी के साथ हर किसी की संवेदना ही थी लेकिन किसी एक ने उसकी अस्मत को बचाने की कोशिश नही की थी । अब क्योंकि उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं तो ये दोनों पीड़िता नेताओं की बहन बेटी बन जायेंगी और देश के संसद में आज मॉनसुन सत्र में नेताजी लोग इस मामले को लेकर हंगामा करेगें मतलब देश की राजधानी में आज भले ही सबुह से इंद्र देवता पानी बरसा के मौसम को ठंडा करने की कोशिश में जुटे हों लेकिन सियासी पारा बेहद गरम है औऱ इसकी आंच से आज संसद तपने वाला है।

हालांकि युपी सरकार ने भी इस घटना पर सख्ती दिखाते हुए पांच पुलिस आधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है, और 5 आरोपियों को गिरफतार कर लिया है और आरोपियो की पहचान कर ली गई है । मेरठ रेंज के डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने बताया कि आरोपियों रहीसुद्दीन, शहवाज और जबर सिंह सहित पांच को अरेस्ट कर लिया गया है। पीड़ित परिवार ने इनकी पहचान भी कर ली है। लेकिन पीड़िता के पिता ने कहा है कि अगर तीन महीने में इसाफ नही मिला तो वो अपनी जान दे देंगें । अब देखना होगा कि सरकार अपने वही पुराने ढर्रे के हिसाब से ही इंसाफ दिलाती हैं या ये वोट बैंक का मुद्दा बन जायेंगी या सच मं इनको इंसाफ मिलेगा ये तो वक्त ही बतायेगा । लेकिन एक बार इस सच पर भी नजर डाल लिजिए
बुलंदशहर गैंगरेप मामले में बावरिया गिरोह के 3 आरोपी गिरफ्तार
डीजीपी ने पत्रकारों को बताया था कि हिरासत में 15 बदमाश लिए गए हैं. जिन बदमाशों के नाम पुलिस महानिदेशक ने बताए थे, वे बुलंदशहर के सुतारी गांव का रईस, हरियाणा के फरीदाबाद का बबलू और पंजाब के भटिंडा का नरेश ठाकुर था. पुलिस ने इसी आधार पर मामले के खुलासे का दावा किया था.
हालांकि, जिले की पुलिस ने डीजीपी को जो कुछ बताया सब फर्जी था. दो दिनों से बुलंदशहर के एसएसपी वैभव कृष्ण बदमाशों के घुमंतू या बाबरिया गैंग के होने का दावा कर रहे थे. एसएसपी ने बताया था कि वारदात को अंजाम देने वाले अपराधी धुमंतू जनजाति के हैं.





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