
केंद्र सरकार ने पिछले साढ़े पांच साल के दौरान उन 1810 पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की अर्जी मंजूर कर उन्हें भारतीय नागरिकता दी है, जिन्होंने अपनी मातृभूमि को हमेशा के लिये अलविदा कहकर भारत में शरण ली थी।
उन्होंने बताया कि मौजूदा कैलेंडर वर्ष में 15 जून तक 323 पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों के आवेदन स्वीकृत कर उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की गयी है। अधिकारी ने यह भी बताया कि फिलहाल सरकार 2,062 पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की भारतीय नागरिकता की अर्जी पर विचार कर रही है।
हिंदू सिंधी विस्थापित सहायता केंद्र’ के राष्ट्रीय संयोजक शंकर लालवानी ने कहा, ‘पाकिस्तान से विस्थापित होकर जो अल्पसंख्यक भारत की शरण लेते हैं, उनमें ज्यादातर सिंधी हिंदू हैं। इन अल्पसंख्यकों को पाकिस्तान में धार्मिक भेदभाव के कारण हिंसक वारदातों का भी सामना करना पड़ रहा है, जिससे वहां इस समुदाय में असुरक्षा का भाव दिनों-दिन बढ़ रहा है।
लालवानी ने कहा, ‘जब-जब पाकिस्तान में धार्मिक कट्टरपंथ के कारण सियासी अस्थिरता का माहौल बनता है, तब-तब वहां से सिंधी हिंदुओं के पलायन कर भारत में शरण लेने का सिलसिला तेज होता है। उन्होंने मांग की कि वह पड़ोसी मुल्क से विस्थापित सिंधी हिंदुओं की भारतीय नागरिकता के लम्बित प्रकरण सरकार जल्द से जल्द निपटाये, ताकि उन्हें भारत में एक नागरिक के रूप में बुनियादी अधिकार हासिल हो सकें।
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