आखिर क्यो ममता की आढ़ में नही दिखा कोई ओर
अगर सुनीता मां है तो वृद्ध भी किसी का बाप था किसी का बेटा था,
जी हां मामला कस्बा नौगावां सादात के बुद्ध बाज़ार में बीती 29/30 जुलाई की रात में हुई लगभग 80 वर्षीय बुजूर्ग करीम हैदर की गला काटकर हत्या से जुड़ा है। मृतक के पुत्र ने अशंका जताई थी कि तंजीम, तालिब, मुश्काबार, अली अब्बास, नईम, के खिलाफ तहरीर दी गई थी कि इन सब ने मेरे पिता की गला काटकर हत्या की है। इसके बाद जब इन सब के परिजनों को पता चला कि करीम हैदर की हत्या में हमारे बेटो के खिलाफ तहरीर दी गई है। तो मुखबिरों द्वारा नामित तंजीम तालिब आदि के चाचा महमूद असगर व नवाब हसन आदि द्वारा इन्हे गलत फसाया जा रहा है।
इन सब के बाद पुलिस अधीक्षक एसएसचनप्पा ने इस घटना के सफल अनावरण के लिये एक टीम का गठन कर 3 अभियुक्तों गिरफ्तार कर करीम हैदर की घटना का 09.08.2016 को खुलासा कर दिया। इन तीनों अभिक्तों में एक महिला व दो पुरूष है। अभियुक्त सुनिता, विरेन्द्र व राहुल को 2 तमंचोंए कारतूसों सहित गिरफ्तार किया गया है।
महिला सुनीता पत्नी ऋषिपाल से जब पुलिस ने पुछताछ की तो सुनीता ने बताया कि उसका बेटा बीमार रहता था। जिस पर आसपास के लोगो ने उपरी हवा का असर होना बताया था। सुनीता ने बताया कि मुझे अपने पड़ोस में ही पता चला कि नौगावां सादात में महमूद असगर नाम का व्यक्ति रहता है। जो ताबीज़ गन्डे कर उपरी हवा का इलाज करता है। तब वह अपने पुत्र विरेन्द्र व रिश्ते के दामाद राहुल के साथ नौगावां सादात महमूद असगर से आरा मशीन पर मिली। और अपने पुत्र पर उपरी हवा बताते हुए उसका इलाज कराने लगी।
सुनीता के पुत्र को असगर के ताबीज़ गन्डे से कुछ आराम महसूस हुआ। इसके बाद महमूद असगर ने सुनीता से कहा कि तुम एक काम करों सुनीता ने असगर से कहा कि बताये क्या काम है तब असगर ने सनीता से एक लावारिस वृद्ध की हत्या करने का कहा इसी के साथ साथ सुनीता को धमकी भी दी कि अगर वह यह काम नही करेगी तो इनके पुत्र को उल्टा कर देगा। और अगर तुम यह काम करती हो तो में तुम्हे पैसे भी दूंगा।
अब ऐसे में सुनीता करती तो क्या करती एक तरफ बेटा दूसरी तरफ किसी की हत्या, यह सोचना बहुत मुश्किल था, बाद में सुनीता ने 80000 रूपये की मांग की, लेकिन असगर और सुनीता के बीच 70000 रूपये में काम तय हुआ। हत्या के बाद 30000 रूपये और बाकी पैसा बाद में देने का वायदा किया।
पुलिस की माने तो महमूद असगर व नवाब हसन ने 12000 रूपये पहले दिये। तीनों अभियुक्त एम्बीशन मोटर साइकिल पर महमूद असगर व नवाब हसन से मिले और पांचों ने मृत करीम हैदर की गला काटकर हत्या कर दी।
पुलिस के अनुसार मृतक करीम हैदर का सगा भानजा गालिब जिसने अपनी पैतृक सम्पत्ति से काफी सम्पत्ति कुछ समय पहले मृतक करीम हैदर के नाम की थी। जिसको बेचकर मृतक का पुत्र अली अब्बास लाभ प्राप्त कर रहा था। गालिब की सगी बहन इस घटना में नामित तालिब की सांस है। जब उसे गालिब की इस मंशा का पता चला तो तालिब आदि ने विरोध किया। इसके बाद मृतक का पुत्र अली अब्बास का भी तालिब व तंजीम से विवाद चलने लगा। महमूद हसन व नवाब हसन ने इसी का फायदा उठाकर सुनीता, विरेन्द्र व राहुल के साथ मिलकर करीम हैदर की हत्या कर दी। अभी भी इस घटना में शामिल दो आरोपी फरार है।
पुलिस के इस साहनीय काम से खुश होकर पुलिस महानिरीक्षक बरेली द्वारा 15000 नगद पुरूस्कार देने की घाषणा की है।
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