45 मिनट तक गैंगरेप पीड़ित परिवार मांगता रहा मदद की भीख


दरिंदों के भागने के बाद सुबह चार बजे पीड़ित परिवार 45 मिनट तक पुलिस और राहगीरों से मदद मांगता रहा, मगर उनकी मदद के लिए कोई नहीं रुका। इस बात की पुष्टि घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले पुलिसकर्मियों ने की है। 

पुलिस घटना स्थल पर तड़के 4:50 बजे पर पहुंची। बदमाशों के भागने के बाद पीड़ित परिवार ने 100 नंबर पर चार बार फोन किया, मगर रिस्पांस नहीं मिला।  इसके बाद नोएडा में अपने परिचित को फोन कर मदद मांगी। 

परिचित ने 100 नंबर पर नोएडा पुलिस को मामले की जानकारी दी। इसके बाद नोएडा पुलिस ने बुलंदशहर पुलिस को 4:44 बजे सूचना दी। इसके बाद जिला पुलिस हरकत में आई और मौके पर पहुंची। इस बीच 45 मिनट तक पीड़ित परिवार हाईवे पर खड़े होकर वाहन चालकों से मदद मांगता रहा लेकिन कोई भी इनकी मदद को नहीं रुका। 

पीड़ित परिवार ने पुलिसकर्मियों को घटना स्थल पर ले जाकर पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद पीड़ित परिवार को थाना कोतवाली देहात लाया गया, जहां उन्होंने पुलिस को रोंगटे खड़े कर देने वाले बयान दिए। सुबह करीब सात बजे पीड़ित मां-बेटी को मेडिकल के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया। 

घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले एक सिपाही ने बताया कि परिवार के सदस्य सहमे हुए थे। मां-बेटी के कपड़े मिट्टी में सने थे और चोट के निशान भी शरीर पर थे। 


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दरिंदों के भागने के बाद सुबह चार बजे पीड़ित परिवार 45 मिनट तक पुलिस और राहगीरों से मदद मांगता रहा, मगर उनकी मदद के लिए कोई नहीं रुका। इस बात की पुष्टि घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले पुलिसकर्मियों ने की है। 

पुलिस घटना स्थल पर तड़के 4:50 बजे पर पहुंची। बदमाशों के भागने के बाद पीड़ित परिवार ने 100 नंबर पर चार बार फोन किया, मगर रिस्पांस नहीं मिला।  इसके बाद नोएडा में अपने परिचित को फोन कर मदद मांगी। 

परिचित ने 100 नंबर पर नोएडा पुलिस को मामले की जानकारी दी। इसके बाद नोएडा पुलिस ने बुलंदशहर पुलिस को 4:44 बजे सूचना दी। इसके बाद जिला पुलिस हरकत में आई और मौके पर पहुंची। इस बीच 45 मिनट तक पीड़ित परिवार हाईवे पर खड़े होकर वाहन चालकों से मदद मांगता रहा लेकिन कोई भी इनकी मदद को नहीं रुका। 

पीड़ित परिवार ने पुलिसकर्मियों को घटना स्थल पर ले जाकर पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद पीड़ित परिवार को थाना कोतवाली देहात लाया गया, जहां उन्होंने पुलिस को रोंगटे खड़े कर देने वाले बयान दिए। सुबह करीब सात बजे पीड़ित मां-बेटी को मेडिकल के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया। 

घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले एक सिपाही ने बताया कि परिवार के सदस्य सहमे हुए थे। मां-बेटी के कपड़े मिट्टी में सने थे और चोट के निशान भी शरीर पर थे। 



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