मुस्लिम युवक गांव छोड़ने को हुए मजबूर, गांव में बना हुआ है दहशत का माहोल


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ग्रेटर नोएडा का बिसाहड़ा गांव रविन उर्फ रोबिन की मौत के बाद एक बार फिर सुलग उठा। बुधवार को गांव के स्कूलों की छुट्टी कर दी गई। हिंदू परिवारों में जहां गम और गुस्सा दिख रहा है, वहीं गांव के मुस्लिम दहशत में हैं। गांव से मुस्लिम युवा पलायन कर गए हैं जबकि उनके परिवार के अन्य सदस्य घरों में कैद नजर आए। 
बताया जा रहा है कि मंगलवार रात कुछ युवाओं ने मुस्लिम बस्ती पर हमले की तैयारी कर ली थी, लेकिन गांव के बुजुर्गों ने उन्हें रोक दिया। गांव के मुस्लिम बहुल एरिया और मस्जिद के निकट बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात की गई हैं। यहां दो सीओ और एसडीएम खुद कैंप कर रहे हैं।
मंगलवार को रविन उर्फ रोबिन की मौत के बाद से ही गांव में तनाव पैदा हो गया था। इससे पहले जान मोहम्मद की गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिलाओं का आमरण अनशन चल रहा था। मौत की सूचना मिलते ही ग्रामीण भड़क गए। 
कुछ देर में ही रोबिन के घर के पास बड़ी संख्या में लोग जुट गए। इस दौरान यह भी आरोप लगाया गया कि जान मोहम्मद कुछ दिन पहले जेल अधिकारियों से मिला था। उसके बाद ही जेल में रोबिन, रूपेंद्र, विनय और भीम की पिटाई की गई। कहा गया कि पिटाई से ही मौत हुई है, जिसे बीमारी बताया गया है।
बुधवार को दहशत का आलम यह रहा कि मुस्लिम परिवारों का कोई शख्स मीडिया से बात करने को तैयार नहीं हुआ। घरों के बाहर भारी संख्या में पुलिस देखकर बच्चे खेलने के लिए भी बाहर नहीं आए। बताया जा रहा है कि उन्हें प्रशासन ने एहतियात बरतने को कहा है। 
वहीं एसडीएम दादरी अमित कुमार और दो सीओ मस्जिद के निकट स्कूल में कैंप किए रहे। एसडीएम ने बताया कि संवेदनशीलता को देखते हुए फोर्स तैनात की गई है। किसी को कोई खतरा नहीं है, न ही पुलिस-प्रशासन ने गैर हिंदुओं को कोई निर्देश जारी किए हैं। सभी लोग गांव में हैं।


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बताया जा रहा है कि मंगलवार रात कुछ युवाओं ने मुस्लिम बस्ती पर हमले की तैयारी कर ली थी, लेकिन गांव के बुजुर्गों ने उन्हें रोक दिया। गांव के मुस्लिम बहुल एरिया और मस्जिद के निकट बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात की गई हैं। यहां दो सीओ और एसडीएम खुद कैंप कर रहे हैं।
मंगलवार को रविन उर्फ रोबिन की मौत के बाद से ही गांव में तनाव पैदा हो गया था। इससे पहले जान मोहम्मद की गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिलाओं का आमरण अनशन चल रहा था। मौत की सूचना मिलते ही ग्रामीण भड़क गए। 
कुछ देर में ही रोबिन के घर के पास बड़ी संख्या में लोग जुट गए। इस दौरान यह भी आरोप लगाया गया कि जान मोहम्मद कुछ दिन पहले जेल अधिकारियों से मिला था। उसके बाद ही जेल में रोबिन, रूपेंद्र, विनय और भीम की पिटाई की गई। कहा गया कि पिटाई से ही मौत हुई है, जिसे बीमारी बताया गया है।
बुधवार को दहशत का आलम यह रहा कि मुस्लिम परिवारों का कोई शख्स मीडिया से बात करने को तैयार नहीं हुआ। घरों के बाहर भारी संख्या में पुलिस देखकर बच्चे खेलने के लिए भी बाहर नहीं आए। बताया जा रहा है कि उन्हें प्रशासन ने एहतियात बरतने को कहा है। 
वहीं एसडीएम दादरी अमित कुमार और दो सीओ मस्जिद के निकट स्कूल में कैंप किए रहे। एसडीएम ने बताया कि संवेदनशीलता को देखते हुए फोर्स तैनात की गई है। किसी को कोई खतरा नहीं है, न ही पुलिस-प्रशासन ने गैर हिंदुओं को कोई निर्देश जारी किए हैं। सभी लोग गांव में हैं।



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