
22 अक्टूबर विधिवेत्ता एवं विधि आयोग के पूर्व सदस्य डॉ ताहिर महमूद ने तीन बार तलाक मामले में केन्द्र सरकार के उच्चतम न्यायालय में पेश हलफनामे का मुस्लिम इकाइयों के विरोध को अनुचित ठहराते हुए आज कहा कि कोई भी सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार ही अदालत की नोटिस का जवाब देगी ।
विधि आयोग के पूर्व सदस्य ने जामिया कलेक्टिव की और से आयोजित एक व्याख्यान में कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को संवैधानिक दर्जा प्राप्त नही है और वह तोड़ मरोड़ कर कुरान की वास्तविक आयतों को पेश करके बड़ी प्रतिगामी भूमिका अदा कर रही है.
डॉ महमूद ने हालांकि समान नागरिक संहिता का मामला उठाने पर केन्द्र सरकार की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि यह मसला उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि न केवल मुसलमान बल्कि बहुसंख्यक सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदाय भी पर्सनल लॉ में छेड़छाड़ आसानी से बर्दाश्त नहीं करेंगे ।
0 comments:
Post a Comment