इस गांव में नही पैदा हुआ 50 साल से कोई बच्चा, जानिए वजह


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एमपी की राजधानी भोपाल से महज 70 किलोमीटर दूर राजगढ़ जिले में स्थित सांका जागीर गांव की परंपरा बड़ी दिलचस्प है। पिछले 50 साल से गांव के अंदर किसी महिला ने बच्चे को जन्म नहीं दिया है। 

इतने लंबे समय तक यहां एक भी बच्चा नहीं पैदा होनी की वजह एक अंधविश्वास है। यहां जब किसी महिला की डिलिवरी होने वाली होती है, तो उन्हें गांव से बाहर ले जाया जाता है। गांव से बाहर या शहर में ही महिला की डिलिवरी कराई जाती है। 

ग्रामीण बताते हैं कि किसी जमाने में यहां श्यामजी का मंदिर था, उसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए गांव के बुजुर्गों ने महिलाओं की डिलिवरी गांव के बाहर कराने का फरमान सुनाया। 

अगर कोई आपातकालीन स्थिति आ जाती है, तो ग्रामीण खेत में डिलिवरी कराते हैं। युवा सरपंच नरेंद्रसिंह गुर्जर गांव में मैटरनिटी होम शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ डिलिवरी के सारे साधन गांव में ही उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है। 

लगातार 35 साल तक सरपंच रहे मांगीलाल सिंह बताते हैं, 'हमने नहीं देखा कि किसी भी महिला ने यहां बच्चे को जन्म दिया हो। गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी की तारीख के एक हफ्ते पहले खेतों में बनी झोंपड़ी में शिफ्ट कर दिया जाता था।


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एमपी की राजधानी भोपाल से महज 70 किलोमीटर दूर राजगढ़ जिले में स्थित सांका जागीर गांव की परंपरा बड़ी दिलचस्प है। पिछले 50 साल से गांव के अंदर किसी महिला ने बच्चे को जन्म नहीं दिया है। 

इतने लंबे समय तक यहां एक भी बच्चा नहीं पैदा होनी की वजह एक अंधविश्वास है। यहां जब किसी महिला की डिलिवरी होने वाली होती है, तो उन्हें गांव से बाहर ले जाया जाता है। गांव से बाहर या शहर में ही महिला की डिलिवरी कराई जाती है। 

ग्रामीण बताते हैं कि किसी जमाने में यहां श्यामजी का मंदिर था, उसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए गांव के बुजुर्गों ने महिलाओं की डिलिवरी गांव के बाहर कराने का फरमान सुनाया। 

अगर कोई आपातकालीन स्थिति आ जाती है, तो ग्रामीण खेत में डिलिवरी कराते हैं। युवा सरपंच नरेंद्रसिंह गुर्जर गांव में मैटरनिटी होम शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ डिलिवरी के सारे साधन गांव में ही उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है। 

लगातार 35 साल तक सरपंच रहे मांगीलाल सिंह बताते हैं, 'हमने नहीं देखा कि किसी भी महिला ने यहां बच्चे को जन्म दिया हो। गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी की तारीख के एक हफ्ते पहले खेतों में बनी झोंपड़ी में शिफ्ट कर दिया जाता था।



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