
उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीट हैं और करीब 200 सीट मुसलमान अपने दम पर बड़ी आसानी से जीत सकते हैं !मुसलमान एक पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में ज्यादा से ज्यादा मतदान करके उत्तर प्रदेश में अपनी हुकूमत का परचम लहरा सकते हैं, लेकिन ऐसा होना मुश्किल ही नही नामुमकिन है। क्योंकि वफादारी का जज़्बा मुसलमानों को कभी एक नही होने देगा ?
असदउद्दीन ओवैसी 2017 में होने विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। वह यूपी में कितनी सीट जीतेंगे ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन उन पर भाजपा का एजेंट होने की तोहमत लगना प्रारम्भ हो चुकी हैं।
अधिकतर मुस्लिम नेताओं पर यही तोहमत लगाई जाती है कि वह भाजपा का एजेंट है। इस कहावत से भी मुंह नही फेरा जा सकता है। अपना मारे छाया में डाले, गैर मारे धूप में डाले !
मुठ्ठी भर दलितों ने मायावती को वोट दे देकर अपना वुजूद कायम कर लिया। इसी तरह मुलायम सिंह का यादवों ने साथ दिया। मुसलमान वफादार होकर भी गद्दार कहलाये जा रहे हैं। क्योंकि मुसलमानों ने कभी अपना बहुमत साबित करने की कोशिश नही की। अब अपना बहुमत दिखाने का वक़्त आ चुका है। ये समझ लीजिये, अभी नही तो कभी नही ?
(haqeqat.com)
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