
देश के लिए अपनी जॉन कुर्बान करने वाला वीर नौजवान सरहद पर दुश्मनों की गोली से शहीद हो गया। उस नौजवान ने अपने कर्तव्य और देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाते हुए अपनी जान गंवा दी।
वह शहीद नौजवान कोई और नहीं आजमगढ़ का लाल कमांडर रज़ीजुद्दीन खान दानिश था। जिसकी शादी को अभी एक साल भी पूरा नहीं बीता था। इसी साल 26 फरवरी को अपनी जिम्मेदारी पर एक बाप की बेटी को निकाह करके लाया था। देश की जिम्मेदारी की कसमें खाकर लौटा रज़ीजुद्दीन उर्फ दानिश को क्या पता था कि इतने कम समय में उसे इस मिट्टी की हिफाजत करते हुए शहीद होना पड़ेगा।
सिर्फ यही नहीं दानिश ने अपनी शादी से पहले अपनी बहन की भी शादी की। 24 फरवरी को बहन की डोली खुशी खुशी अपने घर से रुकसत कर दी। फिर अपने घर आंगन को रोशन करने के लिए अपनी शादी की।
कंमाडर दानिश देश की मिट्टी की हिफाजत करते हुए शहीद हो गए। मां-बाप का लाल बीती रात दुश्मनों की गोलियों का शिकार हो गया। आसपास दूर-दूर तक सन्नाटा पसर गया।
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