संसद में हंगामे के आसार, विपक्ष से सहयोग की उम्मीद : पीएम मोदी

बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से सहयोग की अपील की है. प्रधानमंत्री ने सदन में जाने से पहले मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, 'हमें भरोसा है कि इस सत्र में भी अच्छे फैसले लिए जाएंगे. जैसा कि पिछले सत्र में हुआ.'उन्होंने कहा कि विपक्ष से सहयोग की उम्मीद की जा रही है. वह सदन को चलाने में मदद करेंगे और उत्साहपूर्ण चर्चा करते हुए सत्र को आगे बढ़ाएंगे.सोमवार से शुरू होने जा रहा संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ सकता है. उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे के सबसे ज्यादा गरमाने के आसार हैं.
दरअसल, यह बजट सत्र का दूसरा चरण है लेकिन 16 मार्च को पहले चरण के समाप्त होने के बाद दोनों सदनों का सत्रावसान कर दिया गया था. इसलिए यह नया सत्र होगा. सरकार ने सत्र के लिए भारी एजेंडा तय किया है जिसमें लोकसभा में 13 विधेयक और राज्यसभा में 11 विधेयक पारित कराना शामिल है.
सरकार में इस बात पर आम सहमति है कि शुरुआती कुछ दिन में जीएसटी जैसे विवादित मुद्दों को आगे बढाना संभव नहीं होगा.वामदल, जदयू और अन्य विपक्षी दलों के समर्थन से कांग्रेस उत्तराखंड और अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर केन्द्र को घेरने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कांग्रेस सरकारों या इसके या अन्य विपक्षी दलों के समर्थन की सरकारों के केन्द्र में सत्ता में होने पर राष्ट्रपति शासन लागू करने की घटनाओं का एनडीए सरकार द्वारा हवाला देते हुए इस हमले का जवाब देने की संभावना है.
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, ताकि वो संसद की सुचारू कार्यवाही को सुनिश्चित कर सकें. लेकिन बैठक में कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू जैसी पार्टियों ने उत्तराखंड के मुद्दे को उठाया. यानी साफ हो गया है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर सदन में सरकार को घेरने के लिए तैयार है.
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति शासन के मुद्दे को संसद में उठाया जाएगा. रावत ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि संसद में सभी लोकतांत्रिक ताकतें साथ मिलकर हम पर लगे राष्ट्रपति शासन के खिलाफ आवाज उठाएंगी.' हरीश रावत ने नैनीताल हाईकोर्ट में राष्ट्रपति शासन को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने फैसला रावत के हक में सुनाते हुए राष्ट्रपति शासन को हटा दिया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी और राज्य में फिर से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया.

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बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से सहयोग की अपील की है. प्रधानमंत्री ने सदन में जाने से पहले मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, 'हमें भरोसा है कि इस सत्र में भी अच्छे फैसले लिए जाएंगे. जैसा कि पिछले सत्र में हुआ.'उन्होंने कहा कि विपक्ष से सहयोग की उम्मीद की जा रही है. वह सदन को चलाने में मदद करेंगे और उत्साहपूर्ण चर्चा करते हुए सत्र को आगे बढ़ाएंगे.सोमवार से शुरू होने जा रहा संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ सकता है. उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे के सबसे ज्यादा गरमाने के आसार हैं.
दरअसल, यह बजट सत्र का दूसरा चरण है लेकिन 16 मार्च को पहले चरण के समाप्त होने के बाद दोनों सदनों का सत्रावसान कर दिया गया था. इसलिए यह नया सत्र होगा. सरकार ने सत्र के लिए भारी एजेंडा तय किया है जिसमें लोकसभा में 13 विधेयक और राज्यसभा में 11 विधेयक पारित कराना शामिल है.
सरकार में इस बात पर आम सहमति है कि शुरुआती कुछ दिन में जीएसटी जैसे विवादित मुद्दों को आगे बढाना संभव नहीं होगा.वामदल, जदयू और अन्य विपक्षी दलों के समर्थन से कांग्रेस उत्तराखंड और अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर केन्द्र को घेरने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कांग्रेस सरकारों या इसके या अन्य विपक्षी दलों के समर्थन की सरकारों के केन्द्र में सत्ता में होने पर राष्ट्रपति शासन लागू करने की घटनाओं का एनडीए सरकार द्वारा हवाला देते हुए इस हमले का जवाब देने की संभावना है.
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, ताकि वो संसद की सुचारू कार्यवाही को सुनिश्चित कर सकें. लेकिन बैठक में कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू जैसी पार्टियों ने उत्तराखंड के मुद्दे को उठाया. यानी साफ हो गया है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर सदन में सरकार को घेरने के लिए तैयार है.
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति शासन के मुद्दे को संसद में उठाया जाएगा. रावत ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि संसद में सभी लोकतांत्रिक ताकतें साथ मिलकर हम पर लगे राष्ट्रपति शासन के खिलाफ आवाज उठाएंगी.' हरीश रावत ने नैनीताल हाईकोर्ट में राष्ट्रपति शासन को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने फैसला रावत के हक में सुनाते हुए राष्ट्रपति शासन को हटा दिया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी और राज्य में फिर से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया.


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