महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान के संबंध पर सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी की है. महबूबा ने शनिवार को दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की वकालत की. मुख्यमंत्री ने अमेरिका और इरान का उदाहरण भी दिया, जिन्होंने पिछले दिनों अपने मतभेद मिटाकर नए रिश्ते की शुरुआत की है.
मुफ्ती मोहम्मद सईद सुचेतगढ़ को प्रदेश के वाघा बॉर्डर की तरह देखना चाहते थे. महबूबा ने कहा, मैं उम्मीद करती हूं कि हमारी अच्छे इरादों पर हमारे पड़ोसी भी परस्पर इरादे रखेंगे. महबूबा का बयान ऐसे वक्त में आया है जब पठानकोट हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते ठंडे पड़ते नजर आ रहे हैं और पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने कह दिया है कि फिलहाल द्विपक्षीय वार्ता को टाल दिया गया है.
सुचेतगढ़ में अंतरराष्ट्रीय सीमा के दौरे पर गईं महबूबा ने कहा, अगर अमेरिका और इरान जैसे कट्टर दुश्मन हाथ मिला सकते हैं, तो मुझे ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि भारत और पाकिस्तान साथ आकर शांति और खुशहाली के लिए नई शुरुआत नहीं कर सकते.
मुफ्ती मोहम्मद सईद सुचेतगढ़ को प्रदेश के वाघा बॉर्डर की तरह देखना चाहते थे. महबूबा ने कहा, मैं उम्मीद करती हूं कि हमारी अच्छे इरादों पर हमारे पड़ोसी भी परस्पर इरादे रखेंगे. महबूबा का बयान ऐसे वक्त में आया है जब पठानकोट हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते ठंडे पड़ते नजर आ रहे हैं और पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने कह दिया है कि फिलहाल द्विपक्षीय वार्ता को टाल दिया गया है.
सुचेतगढ़ में अंतरराष्ट्रीय सीमा के दौरे पर गईं महबूबा ने कहा, अगर अमेरिका और इरान जैसे कट्टर दुश्मन हाथ मिला सकते हैं, तो मुझे ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि भारत और पाकिस्तान साथ आकर शांति और खुशहाली के लिए नई शुरुआत नहीं कर सकते.
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