
भारत में इस्लामिक स्टेट 'आईएस' का मुख्य रिक्रूटर 'भर्ती करने वाला' मोहम्मद शफी अरमार कुछ दिन पहले सीरिया में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया है. सूत्रों ने इसका दावा किया है.
शफी उर्फ युसूफ आईएसआईएस के चीफ अबु बकर अल-बगदादी का करीबी माना जाता था और वो भारत में इस आतंकी संगठन की जड़ें जमाने में मदद कर रहा था. उसने अपने ग्रुप में कम से कम 30 लोगों को भर्ती किया था. एनआईए, दिल्ली पुलिस और विभिन्न राज्यों की पुलिस फोर्स ने पिछले डेढ़ साल में आईएस के 23 लोगों को गिरफ्तार किया है. शफी ने भारत के हर राज्य में आईएसआईएस को जमाने की प्ला
निंग की थी.
सरकार के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में भटकल के रहने वाले शफी के बाद फिलहाल भारतीय आईएस यूनिट को कोई हेड नहीं कर रहा है. उसका बड़ा भाई सुल्तान अरमर भी पिछले साल मार्च में इसी तरह के ड्रोन हमले में मारा गया था और उसने पिछले साल तक इस यूनिट को चलाया था. टाइम्स ऑफ इंडिया ने सरकार और इंटेलिजेंस के तीन बड़े सूत्रों से शफी की मौत की पुष्टि की है.
इस बात की संभावना है कि शफी पिछले एक साल से फेसबुक ग्रुप और वॉट्सऐप-स्काईप जैसी मैसेजिंग ऐप के जरिए कम से कम 600-700 युवाओं के संपर्क में था और उसने कई लोगों को आईएसआईएस में शामिल कर लिया था. इतना ही नहीं, उसने संगठन के लिए फंड जुटाने में भी मदद की थी. सूत्रों का कहना है कि आईएस में भर्ती होने वाले बहुत कम लोग सीरिया जा पाए क्योंकि सुरक्षा एजेंसियां भारत में इनकी हरकतों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.
सरकारी सूत्रों ने बताया, 'हमें उसकी मौत के बारे में पता चला. हम और जानकारियां जुटा रहे हैं. फाइनल कंफर्मेशन और जानकारियां जुटाने में वक्त लग सकता है क्योंकि सीरिया से जानकारियां जुटाना मुश्किल है जहां आईएस का कब्जा है लेकिन ये एक बड़ी खबर है.'
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