भारत खराब सेफ्टी रेकॉर्ड वाले मिग 21 प्लेन को बदल रहा है लेकिन इसकी गति काफी धीमी है। नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद से भारत ने हथियारों के आयातक देशों से कई बड़े समझौते किए हैं।
फ्रांस से राफेल फाइटर विमान खरीदने पर भारत अरबों रुपए खर्च करने जा रहा है, आज इस डील पर हस्ताक्षर होने हैं। हालांकि जानकारों का मानना है कि चीन की चुनौती से निपटने के लिए यह नाकाफी है। जानकार मानते हैं कि भारत को इससे काफी कुछ ज्यादा करना होगा।
वायुसेना का कहना है कि पाकिस्तान और चीनी सीमा पर भारत को करीब 42 स्क्वॉड्रन चाहिए जबकि हमारे पास अभी 32 ही है, एक स्क्वॉड्रन में 18 विमान हैं। इंडियन एयरफोर्स के अधिकारियों का कहा है कि 2022 तक इन स्क्वॉड्रन की संख्या घटकर 25 हो सकती है, यानी इस मामले में घटकर पाकिस्तान के बराबर हो जाएंगे।
एक्सपर्ट बताते हैं कि भारत अब स्वदेशी 'तेजस' पर और पैसा लगाना चाहता है। तेजस विमान सबसे छोटा और हल्का फाइटर प्लेन है। हालांकि इसमें लगे कुछ उपकरण आयात किए गए हैं। एक्सपर्ट अजय शुक्ला का कहना है, 'आप छोटे, हल्के फाइटर प्लेन को असामान्य रूप से महंगे और भारी राफेल से नहीं बदल सकते।'
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